डॉक्टर अनुजा केलकर (मनोविकारतज्ज्ञ)
संपर्क : केलकर क्लिनिक, ठाणे ९९७५७२६८३६,९५०३३०९६१९,८६०००३२०८५
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मेरा मानसिक आरोग्य
ऐसा काफी जगह देखा गया हैं की लोग काफी चिंतामें ,भयमें जी रहे हैं.
जैसा शरीर हैं वैसा ही मन हैं . शरीर तंदरुस्त रखने की हम कोशिश करते हैं अथवा रखते हैं वैसेही मन कोभी रखना चाहिए.
जिंदगी हैं तो चिंता तो होगी ही .वो आयुष्य का भाग हैं .पर ये सारी भाग दौड़ संभलके जिंदगी ख़ुशी और सम्पनता से अगर जिनी हैं तो मन तंदरुस्त रखना ही होगा.
अब सवाल आता हैं की मन सुदृढ़ कैसे रखे.निचे दिए २ नियमो का पालन कीजिये :
नियम १ : जो चीजे हैं , जैसी हैं उसको अपनाओ
कुदरत ने जो चीज आपके जिंदगी में दी हैं उस अपनाएं और उस में क्या अच्छा कर सकते उसके बारे में सोचे.
नियम २ : तुलना करना बंद कीजिये
तुलना करना बहोत बुरी आदत हैं.इसको मिला , उसको मिला फिर मुझे कुएं नहीं ?
इसका कोई जवाब नहीं होता.हर एक जन अपने महिनत से , कभी कभी सयोग से कुछ पाता हैं .
उसकी स्पर्धा ना करे.
नियम १ : जो चीजे हैं , जैसी हैं उसको अपनाओ
कुदरत ने जो चीज आपके जिंदगी में दी हैं उस अपनाएं और उस में क्या अच्छा कर सकते उसके बारे में सोचे.
नियम २ : तुलना करना बंद कीजिये
तुलना करना बहोत बुरी आदत हैं.इसको मिला , उसको मिला फिर मुझे कुएं नहीं ?
इसका कोई जवाब नहीं होता.हर एक जन अपने महिनत से , कभी कभी सयोग से कुछ पाता हैं .
उसकी स्पर्धा ना करे.
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